मेरा मुल्क़ मेरा मज़हब हो
मेरा मुल्क मेरा मज़हब हो , मेरा मज़हब मेरा ईमान रहे
मेरा मुल्क मेरा मज़हब हो , मेरा मज़हब मेरा ईमान रहे
फ़लक से चाँदनी उतरे लिए एक हाथ में गीता,एक में कूरान रहे
फ़िक्र ज़हन में रखना मुल्क के रुतबे का मेरे बच्चों हरदम
यही आरज़ू रहे,यही तलब रहे मुल्क का रुतबा रहे औ शान रहे
ये मुल्क हँस -हँस के कहे,क्या औज़ क्या रहबरे कामिल पाया
यही आरज़ू,यही तमन्नाये-वफ़ा,यही मसला यही अरमान रहे
गाँधी के लहू ,को भगत की शान को, न कभी आँच लगने पाए
हिमाला की लाज़ रखना , यही फ़िक्र, यही दीन ,यही ईमान रहे
रश्क ज़न्नत का सलामत रहे कश्मीर के ज़लवा -ए -सहर से
गुँचे हुब्बे-वतन के खिलते रहें ताबाँ वतन की आन रहे शान रहे
हर कतरा लहू का मुल्के - शम्मे - अदब रोशन की राहे चले
कायम ये ख्वाहिश रहे गर्दो गुबार ख़ाके वतन मेरा कफ़न रहे
अज़ीज़ जौनपुरी
अज़ीज़ जौनपुरी
हर कतरा लहू का मुल्के - शम्मे -अदब रोशन की राहे चले
ReplyDeleteकायम ये ख्वाहिश रहे गर्दो गुबार ख़ाके वतन मेरा कफ़न रहे,,,
वाह बहुत सुंदर गजल ,,,
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,
RECENT POST: आज़ादी की वर्षगांठ.
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाए
ReplyDeletenice post
हर कतरा लहू का मुल्के - शम्मे - अदब रोशन की राहे चले
ReplyDeleteकायम ये ख्वाहिश रहे गर्दो गुबार ख़ाके वतन मेरा कफ़न रहे
मुल्क पे मिटने का गजब हौसला और ख्वाहिश
सटीक रचना
ReplyDeleteस्वतंत्र दिवस की शुभकामनाएं
latest os मैं हूँ भारतवासी।
latest post नेता उवाच !!!
सुन्दर रचना ....स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
ReplyDeleteआपने लिखा....हमने पढ़ा....
ReplyDeleteऔर लोग भी पढ़ें; ...इसलिए शनिवार 17/08/2013 को
http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
पर लिंक की जाएगी.... आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
लिंक में आपका स्वागत है ..........धन्यवाद!
Rastriy prem ki sundar abhivykti
ReplyDeleteमेरा मुल्क मेरा मज़हब हो , मेरा मज़हब मेरा ईमान रहे
ReplyDeleteफ़लक से चाँदनी उतरे लिए एक हाथ में गीता,एक में कूरान रहे
...लाज़वाब...बहुत सुन्दर अहसास...
लाजवाब.
ReplyDeleteHappy Independence Day
ReplyDeleteमेरा मुल्क़ मेरा मज़हब हो
ReplyDeleteपर ऐसा आज-कल कोई मानता कहाँ है ...हर किसी को अपनी ही पड़ी हुई है
बड़ी प्यारी ग़ज़ल है ..
ReplyDeleteबधाई आपको !