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Tuesday, August 27, 2013

अज़ीज़ जौनपुरी लन्दन की गलिओं कुछ तो बोलो

लन्दन की गलिओं कुछ तो बोलो
       



(नोट्टिंग हिल कार्निवाल ,लंदन )
          26 अगस्त 2013

एक शोर मचा है लंदन  में 
कब हुस्न के प्याले  छलकेगें,
कब जामें -मोहब्बत बहकेगी
कब जिश्म  के शोले भड़केंगें
लंदन की गलियों कुछ तो बोलो ………………

कब नथें उतारीं जायेंगीं,
कब ताज़ पिन्हाये जायेंगें
कब नाज़ उतारें जायेंगें ,
कब हुश्न की लपटें उटठेगीं
लंदन की गलियों कुछ तो बोलो …………….
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कब लब पे तबससुम थिरकेगी
कब दिल की धड़कन धड़केगी
कब ख़्वाबों की पाजेंबें खनकेगीं
कब हुश्ने -नज़ाकत बरसेगी
लंदन की गलिंयों कुछ तो बोलो.………………
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कब रास रचायें जायेंगें
कब थेम्स झूम-झूम कर  नाचेगी 
कब रश्मे निभाई जाएगीं
कब आग लग लगाई जाएगी 
लंदन की गलिओं कुछ तो बोलो…………………

कब महफिल जश्न की बहकेगी
कब ज़ाम जिश्म टकरायेंगे
कब रात की रानी महकेगी
कब नंगा लन्दन नाचेगा
लन्दन की गलिओं  कुछ तो बोलो ……………
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कब अक्ल के ताले खुल्लेंगें
कब लन्दन होश में आएगा
कब तहजीबें सिखाई जायेगीं
कब हया के फूल खिलायेंगें
लन्दन की गलिओं कुछ तो बोलो ……………


                            अज़ीज़ जौनपुरी 



      

10 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    सभी पाठकों को चर्चा मंच परिवार की ओर से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि का लिंक आज बुधवार (28-08-2013) को रूपया छा-सठ में फँसा, उन-सठ से हैरान: चर्चा मंच 3051 में "मयंक का कोना" पर भी है!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. बहुत सुन्दर ...

    ReplyDelete
  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!

    ReplyDelete
  4. कब लब पे तबससुम थिरकेगी
    कब दिल की धड़कन धड़केगी
    कब ख़्वाबों की पाजेंबें खनकेगीं
    कब हुश्ने -नज़ाकत बरसेगी
    लंदन की गलिंयों कुछ तो बोलो.…

    सुंदर रचना,,,

    RECENT POST : पाँच( दोहे )

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  5. बहुत सुन्दर लंदन की गलियों की मत पूँछों बड़ी नज़ाकत वालीं हैं,रोज़ ज़ाम छलकाती हैं,

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  6. कुछ गहरे प्रश्न उठाए हैं सभ्यता पे ...

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  7. बहुत बढ़िया प्रस्तुति जन्माष्टमी के मौके पर आनंद वर्षंन हैगो भैया।


    आज तो सारा आलम सारी कायनात ही कृष्ण मय हो रई भैया । उसकी लीला ही अपरम्पार हैं स्वाद लेबे को भागवत कथा सुनबे। झूठ् ना कहूँ तोसे। मजो आ गया ओ ,नन्द आनंद कारज होवे और मजा न आवे। नन्द का मतलब होवे आनंद।

    मैया मोहे दाऊ भोत खिजायो ,

    मोते कहत मोल को लीन्हों तू जसुमत कब जायो,


    गोर नन्द जसोदा गोरी तू कत श्याम शरीर

    जन्माष्टमी की बधाई क्या बधाया सब ब्लागियन कु।

    ॐ शान्ति

    भैया जसोदा का मतलब ही होवे है जो यश दिलवावे। सगरे बिग्रे काज संभारे।

    श्रीकृष्णचन्द्र देवकीनन्दन माँ जशुमति के बाल गोपाल ।
    रुक्मणीनाथ राधिकावल्लभ मीरा के प्रभु नटवरलाल ।।

    मुरलीधर बसुदेवतनय बलरामानुज कालिय दहन ।
    पाण्डवहित सुदामामीत भक्तन के दुःख दोष दलन ।।

    मंगलमूरति श्यामलसूरति कंसन्तक गोवर्धनधारी ।
    त्रैलोकउजागर कृपासागर गोपिनके बनवारि मुरारी ।।

    कुब्जापावन दारिददावन भक्तवत्सल सुदर्शनधारी ।
    दीनदयाल शरनागतपाल संतोष शरन अघ अवगुनहारी ।।

    श्री कृष्ण स्तुती
    कस्तुरी तिलकम ललाटपटले,
    वक्षस्थले कौस्तुभम ।
    नासाग्रे वरमौक्तिकम करतले,
    वेणु करे कंकणम ।
    सर्वांगे हरिचन्दनम सुललितम,
    कंठे च मुक्तावलि ।
    गोपस्त्री परिवेश्तिथो विजयते,
    गोपाल चूडामणी ॥

    बधाई जन्मोत्सव कृष्ण कृष्ण बोले तो जो अन्धकार को दूर करे।
    माँ बदल देती है खुशियों में उन्हें
    हादसे जो राह में मिलते रहे

    संसद वारे कोब्रान ने कौन गिनेगा भैया

    अब तो बिल भी पास है गयो। कोबरा ही अगला प्रधान मंत्री होवेगो सही कह रियो भैया।

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  8. बहुत ही सुन्दर और मूलभूत प्रश्नों की लडियां लेकर आई

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  9. Very good write-up. I certainly love this website. Thanks!
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