बहुत रुलाया है
मेरो खतों को फाड़ के तुमने मुझको बहुत रूलाया है
नींद चुराई रातों की सुबह - शाम तड़पाया है
हाथ पकड़ कर चूम लिया था भर कर अपनी बाँहों में
हाथ छुड़ाकर तुमने अपना मुझको बहुत रुलाया है
दिल में मेरे महक रही है तेरे खतों की खुशबू अब तक
मेरे खतों की खुशबू उड़ाकर तुमने मुझको भुलाया है
कभी हसाना कभी रुलाना ये आदत तेरी प्यरी थी
भूला के तुमने हँसना- हँसाना मुझको बहुत सताया है
बड़े प्यार से सुख-दुख मेरे,तुम मुझसे पूछा करती थी
आज भुला कर मुझको तुमने भूखे पेट सुलाया है
तेरी किस्मत मेरी किस्मत दोनों किस्मत एकी थी
किस्मत अपनी कर मुझसे जुदा तुमने बहुत रुलाया है
अज़ीज़ जौनपुरी
कभी हसाना कभी रुलाना ये आदत तेरी प्यरी थी
भूला के तुमने हँसना- हँसाना मुझको बहुत सताया है
बड़े प्यार से सुख-दुख मेरे,तुम मुझसे पूछा करती थी
आज भुला कर मुझको तुमने भूखे पेट सुलाया है
तेरी किस्मत मेरी किस्मत दोनों किस्मत एकी थी
किस्मत अपनी कर मुझसे जुदा तुमने बहुत रुलाया है
अज़ीज़ जौनपुरी
वाह! बहुत बढिया..
ReplyDeleteबहुत बढिया
ReplyDeleteहाथ पकड़ कर चूम लिया था भर कर अपनी बाँहों में
ReplyDeleteहाथ छुड़ाकर तुमने अपना मुझको बहुत रुलाया है
बेहद सम्बेदंशील गजल ,
ReplyDeleteहाथ पकड़ कर चूम लिया था भर कर अपनी बाँहों में
हाथ छुड़ाकर तुमने अपना मुझको बहुत रुलाया है
दिल में मेरे महक रही है तेरे खतों की खुशबू अब तक
मेरे खतों की खुशबू उड़ाकर तुमने मुझको भुलाया है
कभी हसाना कभी रुलाना ये आदत तेरी प्यरी थी
भूला के तुमने हँसना- हँसाना मुझको बहुत सताया है
बड़े प्यार से सुख-दुख मेरे,तुम मुझसे पूछा करती थी
आज भुला कर मुझको तुमने भूखे पेट सुलाया है
हाथ पकड़ कर चूम लिया था भर कर अपनी बाँहों में
ReplyDeleteहाथ छुड़ाकर तुमने अपना मुझको बहुत रुलाया है
हसीनों की अदा ही निराली होती है ... बहुत उम्दा ...
मेरो खतों को फाड़ के तुमने मुझको बहुत रूलाया है
ReplyDeleteनींद चुराई रातों की सुबह - शाम तड़पाया है
हाथ पकड़ कर चूम लिया था भर कर अपनी बाँहों में
हाथ छुड़ाकर तुमने अपना मुझको बहुत रुलाया है
दिल में मेरे महक रही है तेरे खतों की खुशबू अब तक
मेरे खतों की खुशबू उड़ाकर तुमने मुझको भुलाया है(खुश्बू)
कभी हसाना कभी रुलाना ये आदत तेरी प्यरी थी(प्यारी )
भूला के तुमने हँसना- हँसाना मुझको बहुत सताया है(भुला )
बड़े प्यार से सुख-दुख मेरे,तुम मुझसे पूछा करती थी
आज भुला कर मुझको तुमने भूखे पेट सुलाया है
तेरी किस्मत मेरी किस्मत दोनों किस्मत एकी थी(एक ही थीं )/एकही थी
किस्मत अपनी कर मुझसे जुदा तुमने बहुत रुलाया है
प्रेम में अनंत बिम्ब समेटे हैं आपकी अनवरत रचनाएँ .
ek ek sher bhavpoorn ...
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteदिल में मेरे महक रही है तेरे खतों की खुशबू अब तक
ReplyDeleteमेरे खतों की खुशबू उड़ाकर तुमने मुझको भुलाया है
कभी हसाना कभी रुलाना ये आदत तेरी प्यरी थी
भूला के तुमने हँसना- हँसाना मुझको बहुत सताया है
बहुत बढ़िया गज़ल
बड़े प्यार से सुख-दुख मेरे,तुम मुझसे पूछा करती थी
ReplyDeleteआज भुला कर मुझको तुमने भूखे पेट सुलाया है
भई वाह ..