बदल जाता है
(अ )
क्या ज़मीं क्या अस्मां न किसी पर भरोसा कीजे
चंद लमहात में सारा ज़माना बदल जाता है
वो तो फ़कत फ़ितरत है उसकी फ़ितरत है बदलना
आज - कल इन्सान क्या ख़ुदा भी बदल जाता है(ब )
उनकी खुशबू से वाकिफ़ है चमन का भौरां -भौरां
है यही वज़ह कि चमन बीराँ - बीराँ सा नज़र आता है
उनके रूखसार पे इसकदर भौरों का ईतरा के मडराना
ये हकीकत है मैंने देखी है महका-महका चाँद नज़र आता है
(स )
मेरी गज़लों में सिन्ध की दरिया है चेनाब का पानी है
एक रूह तड़पती है और झेलम की कहानी है
न किसी और का चेहरा है न किसी और की कहानी है
कश्मीर की बादी है उसकी खुशबू है उसकी निसानी है
(म )
हालत के बंजर पर ख्वाहिसों की एक मचलती कली
वक्त की आन्धिओं का क़हर और शाख़ से गिरता गुलाब
चंद रोज़ भी न ठहर सकी लाली उसके सुर्ख़ होटों पर
हाय रे किश्मत कि न खिल सका न महक सका ग़ुलाब
अज़ीज़ जौनपुरी
उनके रूखसार पे इसकदर भौरों का ईतरा के मडराना
ये हकीकत है मैंने देखी है महका-महका चाँद नज़र आता है
(स )
मेरी गज़लों में सिन्ध की दरिया है चेनाब का पानी है
किसी मरहूम की कहानी है मेरे आँख का पानी है
एक फ़ूल है गुलशन का एक नाज़ है परी कीएक रूह तड़पती है और झेलम की कहानी है
न किसी और का चेहरा है न किसी और की कहानी है
कश्मीर की बादी है उसकी खुशबू है उसकी निसानी है
(म )
हालत के बंजर पर ख्वाहिसों की एक मचलती कली
वक्त की आन्धिओं का क़हर और शाख़ से गिरता गुलाब
चंद रोज़ भी न ठहर सकी लाली उसके सुर्ख़ होटों पर
हाय रे किश्मत कि न खिल सका न महक सका ग़ुलाब
अज़ीज़ जौनपुरी
सच में अब खुद भी बदल जाते है
ReplyDeletelatest post हमारे नेताजी
latest postअनुभूति : वर्षा ऋतु
कृपया एक बार यहॉ की यात्रा करें ।
Deletehttp://techeducationhub.blogspot.com/
आपको आज की यात्रा कैसी लगी ? अगर आपको ये पोस्ट आई तो कमेंट्स करें। मेरे लिए आपका दिलचस्पी से पढना कमेंट्स से बढ़कर सम्मान है। अगर आपको तकनीकी शिक्षा हब की कोशिशें पसंद आयीं ,तो आप भी इसे आज ही ज्वाइन कर लें.और सब्स्क्रिब भी कर लें.आपको इस ब्लॉग की हर पोस्ट ईमेल द्वारा मिलती रहेगी.या आप गूगल प्लस पर ज्वाइन कर लें।
हकीकत का सटीक प्रगटीकरण-
ReplyDeleteबधाई आदरणीय अजीज
कृपया एक बार यहॉ की यात्रा करें ।
Deletehttp://techeducationhub.blogspot.com/
आपको आज की यात्रा कैसी लगी ? अगर आपको ये पोस्ट आई तो कमेंट्स करें। मेरे लिए आपका दिलचस्पी से पढना कमेंट्स से बढ़कर सम्मान है। अगर आपको तकनीकी शिक्षा हब की कोशिशें पसंद आयीं ,तो आप भी इसे आज ही ज्वाइन कर लें.और सब्स्क्रिब भी कर लें.आपको इस ब्लॉग की हर पोस्ट ईमेल द्वारा मिलती रहेगी.या आप गूगल प्लस पर ज्वाइन कर लें।
बहुत खुबसूरत
ReplyDeleteकृपया एक बार यहॉ की यात्रा करें ।
Deletehttp://techeducationhub.blogspot.com/
आपको आज की यात्रा कैसी लगी ? अगर आपको ये पोस्ट आई तो कमेंट्स करें। मेरे लिए आपका दिलचस्पी से पढना कमेंट्स से बढ़कर सम्मान है। अगर आपको तकनीकी शिक्षा हब की कोशिशें पसंद आयीं ,तो आप भी इसे आज ही ज्वाइन कर लें.और सब्स्क्रिब भी कर लें.आपको इस ब्लॉग की हर पोस्ट ईमेल द्वारा मिलती रहेगी.या आप गूगल प्लस पर ज्वाइन कर लें।
वाह वाह बहुत खूब सुंदर अभिव्यक्ति,,,बघाई,,
ReplyDeleteRECENT POST: तेरी याद आ गई ...
कृपया एक बार यहॉ की यात्रा करें ।
Deletehttp://techeducationhub.blogspot.com/
आपको आज की यात्रा कैसी लगी ? अगर आपको ये पोस्ट आई तो कमेंट्स करें। मेरे लिए आपका दिलचस्पी से पढना कमेंट्स से बढ़कर सम्मान है। अगर आपको तकनीकी शिक्षा हब की कोशिशें पसंद आयीं ,तो आप भी इसे आज ही ज्वाइन कर लें.और सब्स्क्रिब भी कर लें.आपको इस ब्लॉग की हर पोस्ट ईमेल द्वारा मिलती रहेगी.या आप गूगल प्लस पर ज्वाइन कर लें।
वह क्या खूब लिखा है " वो तो फ़कत फ़ितरत है उसकी फ़ितरत है बदलना
ReplyDeleteआज - कल इन्सान क्या ख़ुदा भी बदल जाता है"
गज़ब क्या कहने "उनके रूखसार पे इसकदर भौरों का ईतरा के मडराना
ये हकीकत है मैंने देखी है महका-महका चाँद नज़र आता है"
बड़ी अधूरी कहानी है ""मेरी गज़लों में सिन्ध की दरिया है चेनाब का पानी है
किसी मरहूम की कहानी है मेरे आँख का पानी है
एक फ़ूल है गुलशन का एक नाज़ है परी की
एक रूह तड़पती है और झेलम की कहानी है
न किसी और का चेहरा है न किसी और की कहानी है
कश्मीर की बादी है उसकी खुशबू है उसकी निसानी है
बहुत खूब" उनकी खुशबू से वाकिफ़ है चमन का भौरां -भौरां
ReplyDeleteहै यही वज़ह कि चमन बीराँ - बीराँ सा नज़र आता है
उनके रूखसार पे इसकदर भौरों का ईतरा के मडराना
ये हकीकत है मैंने देखी है महका-महका चाँद नज़र आता है
मेरी गज़लों में सिन्ध की दरिया है चेनाब का पानी है
ReplyDeleteकिसी मरहूम की कहानी है मेरे आँख का पानी है
व वाह ...वा वाह !
आनंद आ गया !
ReplyDeleteापने लिखा... हमने पढ़ा... और भी पढ़ें...इस लिये आपकी इस प्रविष्टी का लिंक 02-08-2013 यानी आने वाले शुकरवार की नई पुरानी हलचल पर भी है...
आप भी इस हलचल में शामिल होकर इस की शोभा बढ़ाएं तथा इसमें शामिल पोस्ट पर नजर डालें और नयी पुरानी हलचल को समृद्ध बनाएं.... आपकी एक टिप्पणी हलचल में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान और रचनाकारोम का मनोबल बढ़ाएगी...
मिलते हैं फिर शुकरवार को आप की इस रचना के साथ।
जय हिंद जय भारत...
मन का मंथन... मेरे विचारों कादर्पण...
ReplyDeleteबदल जाता है
(अ )
क्या ज़मीं क्या अस्मां न किसी पर भरोसा कीजे
चंद लमहात में सारा ज़माना बदल जाता है
वो तो फ़कत फ़ितरत है उसकी फ़ितरत है बदलना
आज - कल इन्सान क्या ख़ुदा भी बदल जाता है
(ब )
उनकी खुशबू से वाकिफ़ है चमन का भौरां -भौरां
है यही वज़ह कि चमन बीराँ - बीराँ सा नज़र आता है
उनके रूखसार पे इसकदर भौरों का ईतरा के मडराना
ये हकीकत है मैंने देखी है महका-महका चाँद नज़र आता है
(स )
मेरी गज़लों में सिन्ध की दरिया है चेनाब का पानी है
किसी मरहूम की कहानी है मेरे आँख का पानी है
एक फ़ूल है गुलशन का एक नाज़ है परी की
एक रूह तड़पती है और झेलम की कहानी है
न किसी और का चेहरा है न किसी और की कहानी है
कश्मीर की बादी है उसकी खुशबू है उसकी निसानी है
(म )
हालत के बंजर पर ख्वाहिसों की एक मचलती कली
वक्त की आन्धिओं का क़हर और शाख़ से गिरता गुलाब
चंद रोज़ भी न ठहर सकी लाली उसके सुर्ख़ होटों पर
हाय रे किश्मत कि न खिल सका न महक सका ग़ुलाब
क्या बात है !क्या बात है !क्या बात है !बेहतरीन है ताज़ा तरीन है। (आसमां ,लम्हात ,इंसान ,खुश्बू ,वीराँ ,वीरान ,वादी ,निशानी ,ख्वाहिशों ,किस्मत )
अज़ीज़ साहब , "बड़ी ज़हीन हैं ग़ज़लें तेरी,बड़ी महीन हैं ग़ज़लें तेरी , कश्मीर की वादी हैं ,बड़ी हसीन हैं गजलें तेरी,कभी करीब तो कभी दूर हैं ग़ज़लें तेरी,....आज पढ़ लिया तेरी गजलों को मैंने ,न जाने किस -किस की नसीब हैं ग़ज़लें तेरी "
ReplyDeleteएक फ़ूल है गुलशन का एक नाज़ है परी की
ReplyDeleteएक रूह तड़पती है और झेलम की कहानी है....bahut khoob waise sare hi acche hain
बहुत बढ़िया रचनाएं
ReplyDeleteकृपया एक बार यहॉ की यात्रा करें ।
Deletehttp://techeducationhub.blogspot.com/
आपको आज की यात्रा कैसी लगी ? अगर आपको ये पोस्ट आई तो कमेंट्स करें। मेरे लिए आपका दिलचस्पी से पढना कमेंट्स से बढ़कर सम्मान है। अगर आपको तकनीकी शिक्षा हब की कोशिशें पसंद आयीं ,तो आप भी इसे आज ही ज्वाइन कर लें.और सब्स्क्रिब भी कर लें.आपको इस ब्लॉग की हर पोस्ट ईमेल द्वारा मिलती रहेगी.या आप गूगल प्लस पर ज्वाइन कर लें।
बेहद खूबसूरत गज़लें लिखते हैं आप
ReplyDeleteमेरी गज़लों में सिंध का दरिया है -----
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत पंक्ति |रचना बहुत शानदार |
आशा
क्या ज़मीं क्या अस्मां न किसी पर भरोसा कीजे
ReplyDeleteचंद लमहात में सारा ज़माना बदल जाता है
वो तो फ़कत फ़ितरत है उसकी फ़ितरत है बदलना
आज - कल इन्सान क्या ख़ुदा भी बदल जाता है
..बहुत सही ...फिर भी किसी न किसी पर भरोसा तो करना ही पड़ता है ...
कृपया एक बार यहॉ की यात्रा करें ।
ReplyDeletehttp://techeducationhub.blogspot.com/
आपको आज की यात्रा कैसी लगी ? अगर आपको ये पोस्ट आई तो कमेंट्स करें। मेरे लिए आपका दिलचस्पी से पढना कमेंट्स से बढ़कर सम्मान है। अगर आपको तकनीकी शिक्षा हब की कोशिशें पसंद आयीं ,तो आप भी इसे आज ही ज्वाइन कर लें.और सब्स्क्रिब भी कर लें.आपको इस ब्लॉग की हर पोस्ट ईमेल द्वारा मिलती रहेगी.या आप गूगल प्लस पर ज्वाइन कर लें।
लाजवाब अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteमेरी गज़लों में सिन्ध की दरिया है चेनाब का पानी है
ReplyDeleteकिसी मरहूम की कहानी है मेरे आँख का पानी है
वाह वाह