Pages

Monday, July 22, 2013

अज़ीज़ जौनपुरी : नकार देता है

       नकार देता है


 आईनों  की  क्या  कहें  सारे  नकाब उतार देता है
 मेरा   चेहरा   अब   मुझको    ही    नकार  देता है

 न  जाने  किस - किस  के चेहरे  लगा  लिया मैंने
 आज  मेरा  चेहरा  मेरे  चेहरे का रंग उतार देता है

 खत्म  हो   गई  तमाम   उम्र   ख़ुद   की तलाश में
 मेरा  चेहरा  आज  कल  मेरा  चेहरा  उतार देता है

जो   शक्श   मेरे  चेहरे  को   अपना   बताता  रहा
आज  वह़ी   शक्श   मेरे  चेहरे  को  नकार देता है
 
कल तलक जो मुझको अपनों  में  गिना करते थे
आज  वही  मुझको   पहचानने  से  नकार  देता है

किस- किस का नाम  लूँ, किस - किस को  गिनाऊं
सब  अपने  हैं,  करीब  हैं, जो चेहरा  उतार  देता हैं
  
मेरी आँखें  सिसक रहीं  हैं  बन  दरिया चनाब की
मेरे दिल के फ़क़ीरी को, मेरा दोस्त  नकार देता है

चलो चलें कहीं दूर बहुत दूर चलें ख़ुदकसी कर लें
यहाँ ,मेरा घर ,मेरा पता, मुझको ही नकार देता है


                                        अज़ीज़ जौनपुरी

 

15 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज मंगलवार (23-07-2013) को मंगलवारीय चर्चा 1315----तस्मै श्री गुरुवे नमः ! पर "मयंक का कोना" में भी है!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
  2. Sayeed Ahmad
    7:33 AM

    Dear Brother Mr. Aziz Jaunpuri

    Your all the poetry are heart touching and excellent. You deserve my GREAT appreciation for your excellent thoughts. Regards.

    ReplyDelete
  3. वाह अजीज भाई जी,
    बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति,आपने पुरी दिल की ही बात कह दी.

    ReplyDelete
  4. बढ़िया है आदरणीया-
    आभार-

    ReplyDelete
  5. बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति

    ReplyDelete
  6. कई बार अपना ही चेहरा खुद को पहचानने से इंकार कर देता है... बहुत खूब. दाद स्वीकारें.

    ReplyDelete
  7. चलो चलें कहीं दूर बहुत दूर चलें ख़ुदकसी कर लें
    यहाँ ,मेरा घर ,मेरा पता, मुझको ही नकार देता है
    BEAUTIFUL LINES

    ReplyDelete
  8. बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना |
    "यहाँ मेरा घर, मेरा पता ,मुझको ही नकार देता है "
    बहुत सुन्दर |
    आशा

    ReplyDelete
  9. लाजवाब कहन का अंदाज़ ...

    ReplyDelete
  10. हकीकत बताती सुन्दर रचना

    ReplyDelete
  11. बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति

    ReplyDelete