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Friday, April 19, 2013

अज़ीज़ जौनपुरी :इधर हैं राम खतरे में उधर रहमान खतरे में

   इधर हैं राम खतरे में उधर रहमान खतरे में 

       


          इधर  हैं  राम ख़तरे में, उधर रहमान खतरे में
          इबादत की किताबों में लिखे हर नाम खतरे में

          ख़ुदा  के  नाम  की  तौहीन करते  हैं अँधेरों में
          इधर  गीता  है खतरे में, उधर कूरान खतरे में 
         
          बच  निकल  पाने  की सूरत  है नहीं कोई बची
          इधर  इंशान  खतरे में,  उधर  इमान  खतरे में 

          वतन की कश्ती डूबना तंय है मझधार में अब 
          इधर  काशी है खतरे में उधर काबा है खतरे में

          बहुत  मशहूर  है यह मुल्क अपना हिन्दोस्तां 
          मगर  है यहाँ  की हर सुबह हर शाम खतरे में

         अज़ीज़ तुम वतन के वास्ते चढ़ जाओ शूली पे 
         बचा लो मुल्क को न हो  कोई इंशान  खतरे में 

                                               अज़ीज़ जौनपुरी 
     

      
         
         

        
        


          

8 comments:

  1. ख़ुदा के नाम की तौहीन करते हैं अँधेरों में
    इधर गीता है खतरे में, उधर कूरान खतरे में

    वाह !!!बहुत उम्दा अभिव्यक्ति,सुंदर गजल ,,,
    RECENT POST : प्यार में दर्द है,

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  2. देश भक्ति का आवाहन करती कविता ************************************इधर हैं राम ख़तरे में, उधर रहमान खतरे में
    इबादत की किताबों में लिखे हर नाम खतरे में

    ख़ुदा के नाम की तौहीन करते हैं अँधेरों में
    इधर गीता है खतरे में, उधर कूरान खतरे में

    बच निकल पाने की सूरत है नहीं कोई बची
    इधर इंशान खतरे में, उधर इमान खतरे में

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  3. सचेत करती रचना-
    पर खतरे की अनदेखी करते हम सब-
    शुभकामनायें आदरणीय-

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  4. सच्चाई को आइना दिखाती उम्दा ग़ज़ल!

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  5. bhai kya khu!!!!!bhot khub ..bhot achi gazal..waaaaaaaaaaaaaaaaah

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  6. kitni bar pdhu!!! hr bar nyi tazgi, nye matlb niklte hai......waaaaah waaaah behtrin gazal hai waaaah

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