इधर हैं राम खतरे में उधर रहमान खतरे में
इधर हैं राम ख़तरे में, उधर रहमान खतरे में
इबादत की किताबों में लिखे हर नाम खतरे में
ख़ुदा के नाम की तौहीन करते हैं अँधेरों में
इधर गीता है खतरे में, उधर कूरान खतरे में
बच निकल पाने की सूरत है नहीं कोई बची
इधर इंशान खतरे में, उधर इमान खतरे में
वतन की कश्ती डूबना तंय है मझधार में अब
इधर काशी है खतरे में उधर काबा है खतरे में
अज़ीज़ तुम वतन के वास्ते चढ़ जाओ शूली पे
बचा लो मुल्क को न हो कोई इंशान खतरे में
अज़ीज़ जौनपुरी
बहुत मशहूर है यह मुल्क अपना हिन्दोस्तां
मगर है यहाँ की हर सुबह हर शाम खतरे मेंअज़ीज़ तुम वतन के वास्ते चढ़ जाओ शूली पे
बचा लो मुल्क को न हो कोई इंशान खतरे में
अज़ीज़ जौनपुरी
ख़ुदा के नाम की तौहीन करते हैं अँधेरों में
ReplyDeleteइधर गीता है खतरे में, उधर कूरान खतरे में
वाह !!!बहुत उम्दा अभिव्यक्ति,सुंदर गजल ,,,
RECENT POST : प्यार में दर्द है,
देश भक्ति का आवाहन करती कविता ************************************इधर हैं राम ख़तरे में, उधर रहमान खतरे में
ReplyDeleteइबादत की किताबों में लिखे हर नाम खतरे में
ख़ुदा के नाम की तौहीन करते हैं अँधेरों में
इधर गीता है खतरे में, उधर कूरान खतरे में
बच निकल पाने की सूरत है नहीं कोई बची
इधर इंशान खतरे में, उधर इमान खतरे में
सचेत करती रचना-
ReplyDeleteपर खतरे की अनदेखी करते हम सब-
शुभकामनायें आदरणीय-
सच्चाई को आइना दिखाती उम्दा ग़ज़ल!
ReplyDeletebhai kya khu!!!!!bhot khub ..bhot achi gazal..waaaaaaaaaaaaaaaaah
ReplyDeletekitni bar pdhu!!! hr bar nyi tazgi, nye matlb niklte hai......waaaaah waaaah behtrin gazal hai waaaah
ReplyDeleteIncredible
ReplyDeletesahi baaton ko ukerti rachna ....
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