टिप्पड़ी
आदतें "टिप्पड़ी" की वेवजह भारी पड़ने लग गई है
वीवी जान बूझ कर अब हर रोज लड़ने लग गई है
औरों को हँसाते हो हर रोज "सुंदर" की टिप्पड़ी से
क्यों हमको रुलाते हो बार बार "फूहड़" की टिप्पड़ी से
अहशासे मोहब्बत को क्यों टिप्पणिओं में छुपाते हो
अपनी वीवी को रुला कर सब की वीवी को हंसाते हो
लाख समझाया पर अब ओ धमकी पर उतर आई है
है बिस्तर में छुप गई ओ नाहक करती रोज लड़ाई है
है इस जिद पर अड़ गई ओ कि सब के नाम बताओ
सच सच हमें बताओ पिया मत नाम अब छुपाओ
सुनो अब हम भी करेंगे वही न तुमको कुछ बतायेंगे
एक कम्पूटर अब खरीदेगे अपना ब्लॉग हम बनाएंगे
कह दो सभी ब्लोगरों से धंधा ब्लॉगिंग का ए बन्द करें
वरना विवियाँ सभी की घर छोड़ मायके चली जायेंगी
देख लेना ब्लागरों तुम एक दिन जरूर तुम पछताओगे
वीवी के रहते हुए तुम सब एक दिन रंडुआ(1) कहे जाओगे
(1)विधुर
अज़ीज़ जौनपुरी
accha kataksh kiya hai,vivion pr
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