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Sunday, September 16, 2012

Kumar Anil :vedna


वेदना 

हर चेहरे पर लिखी वेदना
हर सिने में छिपी वेदना
हर आँखों में वसी वेदना 
हर मेंहदी में रची वेदना
हर घुंघरू  में बंद वेदना                                    
हर दर्पण में बिंब वेदना
हर रचना में शब्द वेदना
हर रिश्ते में शर्त वेदना 
हर सांसो में घुटन वेदना 
पग पग पर है बिछी वेदना 
हर अधरों में मौन वेदना
सुनो वेदना कहो वेदना 
लिखो वेदना पढ़ो वेदना
बहुत हो गई सुनो वेदना 
बन होलिका अब जलो वेदना 


                     अज़ीज़ जौनपुरी

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