Pages

Tuesday, August 14, 2012

Kumar Anil:Junun e azadi

जश्न ए आज़ादी में नहाए हुए हैं लोग
चेहरे पे तबस्सुम को सजाए हुए हैं लोग
घर घर में चरागों को जलाए हुए हैं लोग
खुशिओं की चाँदनी में नहाए हुए हैं लोग
इक सुहानी भौर की उम्मीद लगे हुए हैं लोग
इस मुल्क को पलकों पर बैठाए हुए हैं लोग
नफरत को मोहब्बत में पिरोए हुए हैं लोग
अंजुमन  में खुशबू बिखेरे हुए हैं लोग
तल्ख सच्चाई को सीने में दबाए हुए हैं लोग
अपनी जुबां पर ताला लगाए हुए हैं लोग।।
                           
                                            अज़ीज़ जौनपुरी 

2 comments: