हौशला
उठा कर फेंक मत देना टूटे परों को भूल कर भी
किसी की मुफलिसी पर संबेदना के काम आएंगे
बे पर ही उड़ेगा यह परिन्द ,हौशला उसका तो देखो
बुजदिलों को दिखा देना ये हौशला उनके काम आएंगे
कफ़न मेरा मत जलना, भूल कर सपने में भी तुम किसी निर्वस्त्र-भूखे की शर्मो- हया के काम आएंगे
चंद मुर्दे व्यस्त हैं शमशान में,कत्ल के षड्यंत्र में
देख लेना एक दिन, ये सब घर घर जलाने आएंगे
जुल्म की तलवारों पे अब धार चढ़ने लग गयी है
ये खबर हमने सुनी है,बन मौत सबको रुलानेआयेंगे
अज़ीज़ जौनपुरी
NICE PRESENTATION.. नारी के तुल्य केवल नारी
ReplyDelete