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Monday, August 20, 2012

Kumar Anil :hausla


      हौशला 


     उठा  कर फेंक  मत देना  टूटे परों को भूल कर  भी 
     किसी   की  मुफलिसी पर  संबेदना के काम आएंगे 
     बे पर ही उड़ेगा यह परिन्द ,हौशला उसका तो देखो       
     बुजदिलों को दिखा देना ये हौशला उनके काम आएंगे 
     कफ़न मेरा  मत जलना, भूल कर सपने में भी तुम   
     किसी  निर्वस्त्र-भूखे  की  शर्मो- हया के काम आएंगे 
     चंद मुर्दे व्यस्त हैं  शमशान में,कत्ल  के षड्यंत्र  में 
     देख लेना एक दिन, ये सब घर घर जलाने  आएंगे   
     जुल्म  की तलवारों पे  अब धार  चढ़ने लग  गयी है 
     ये खबर हमने सुनी है,बन मौत सबको रुलानेआयेंगे 



                                                           अज़ीज़ जौनपुरी 
      

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