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Friday, August 24, 2012

Kumar Anil :Vkht Ki Awaz (charchamanch)

   
   वख्त  की  आवाज़ 

वख्त  की  आवाज़  है सब  सब  कुछ  बदलना चाहिए 
हर रोज़ मंज़िल बदलनी चाहिए मंज़र  बदलना  चाहिए
नजरें  बदलनी  चाहिये  बेशक  नजारें  बदलने  चाहिए 
मसलिहत है' दोस्तों जिंदगी के मायनें बदलनें चाहिए 
गर हो गयीं चालें पुरानी देख लेना तुम बहुत पछताओगे 
हर  डगर  हर  कदम पर  एक  नई  चाल चलनी चाहिए 
चेहरे  पर   नज़र रखो यह बदलते  वख्त की आवाज़ है 
हर सुबह  से शाम  तक हर रोज़  चेहरा  बदलना  चाहिए 
माँ -बाप बूढ़े हो गयें  हों  गर चेहरे की रंगत मर गयी हो 
ज़िन्दगी में  बारहा  बेफिक्र हो वल्दियत बदलनी चाहिये 
कर  क्यूँ  शराफ़त को   दफ़न  इंशानियत  नीलाम  कर 
कोशिशे अब बढ़ चलीं हैं कि शौहर या वीवी बदलनी चाहिए 



                                                      अज़ीज़ जौनपुरी 

3 comments:


  1. KYA KHUB LIKHA HAI," ABHI HM CHAL BADLE HAI ABHI HM CHEHRA BADLE GE,SARE SIRFRE AB MIL GYE HAI, N JANE KB O ES DESH KA ETIHAS BADLEGE

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