हक़
रिश्वत को पुस्तैनी हक बताते जाईए
बेशक नाज़ नखड़े लुगाई के उठाते जाईए
बाढ़ सूखे को जी भर के भुनाते जाईए
हर शहर में एक नया घर बनाते जाईए
लाकरों पे लकारों को रोज भरते जाईये
घूसखोरी को अपना मज़हब बताते जाईए
घूसखोरी को अपना मज़हब बताते जाईए
ज़रुरी है नज़र जेबों पे पैनी रखते जाईए
सारे हुनर घूसखोरी में ही दिखाते जाईए
रामनामी ओढ़ शंख घन्टी बजाते जाईए
रामनामी ओढ़ शंख घन्टी बजाते जाईए
बन बगुला भगत कसम गीता की खाते जाईए
अज़ीज़ जौनपुरी
bahut khoob.bas lugai shabd madhay me kuchh galat lag raha hai koi kisi ke nakhre nahi uthata jo karta hai apne man kee karta hai. कैराना उपयुक्त स्थान :जनपद न्यायाधीश शामली :
ReplyDeleteelzame lugayee ki bat kuch khal rahi hai,sach ho sakta bhi hai par yah mukamml sachhayee nhi lagti,acchi prastuti
ReplyDeletetrue representation of current scenario with respect to corruption.
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