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Thursday, August 30, 2012

Kumar Anil : gaon



*गाँव *
 सरकारी फाईलों में भी हमारे गाँव का मौसम वेहद सुहानाहै
आज भी पागल है  हरिया भूख से, फांकाकशी का जमाना है 
 ग़रीबों के चेहरों पर, उभरते आज भी हैं सिर्फ़ अक्स रोटी के
 न खटिया है न बिस्तर है न दाना है,पर हरिया ही निशाना है
 दबंगों के होठ चिपके आज भी हैं उसी हरिया की ही लुगाई से
 घर जले बच्चे जले सबकुछ जले इनको जिन्दा ही जलाना है
 नज़र डालो जिधर भी, हर तरफ भूख है, संत्रास का सैलाब है
 छद्म,छल, व्यभिचार शोषण यातना से इन सब को दबाना है 
 हर तरफ़ खोखले नारें जल्ते भरोसे झूठें दिलासों के नज़ारे है
 सरकार झूठीं ,झूठी सारी फ़ाईलें, सच को जिन्दा ही जलना है 
                                                           अज़ीज़ जौनपुरी 
 

1 comment:

  1. gaon ke halat aajbhi behad bdtar hai,U.P.me,"n bijli hai n pani hai,badi badatar kahani hai,bijli gr bhool se bhatak kr aagyee to har taraf bs ek sore suayee deta hai AA GYEE AA GYEE....

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