जिंदगी
ज़िन्दगी झटकों में कहीं , तो कहीं हलाल हुई
देखो तो जरा ये ज़मीं, आज कितनी लाल हुईखूनों - खंजर में सनी, ज़िन्दगी बवाल हुई
आग सीने में जली और जल मशाल हुई
देख मुल्क की बुजदिली , जिंदगी सवाल हुई
मिला जो क़ाबिल मौतिबर रोशनी बेमिसाल हुई
अज़ीज़ जौनपुरी
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