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Tuesday, June 12, 2012

अज़ीज़ जौनपुरी :ज़िन्दगी

 जिंदगी 

ज़िन्दगी  झटकों  में  कहीं , तो  कहीं  हलाल हुई
देखो  तो जरा  ये  ज़मीं,  आज  कितनी लाल हुई

खूनों  - खंजर  में  सनी,   ज़िन्दगी   बवाल    हुई
आग   सीने   में   जली   और  जल   मशाल  हुई

देख  मुल्क  की   बुजदिली ,  जिंदगी   सवाल हुई
मिला जो क़ाबिल मौतिबर रोशनी बेमिसाल हुई       

                                              अज़ीज़ जौनपुरी  

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