Zindagi se muthbhed
Aziz Jaunpuri
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Tuesday, October 7, 2014
अज़ीज़ जौनपुरी : फेरे और वचन
बदलती दुनियाँ
रंग बदलते रिश्ते
बदनाम होते
गिरगिट
और हम जो
चाल चेहरा रंग
और भी बहुत कुछ
बदलनें में महारथ
यहाँ तक की
फेरे और वचन
यानी अपनी अपनी
धड़ल्ले से बीवियाँ
प्रगतिगामी विश्व की
सायद यही है
आधुनिकता की
परिभाषा
अज़ीज़ जौनपुरी
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