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Wednesday, May 22, 2013

अज़ीज़ जौनपुरी : जिश्म की बेपर्दगी

   

 जिश्म की बेपर्दगी
   

   जिश्म की बेपर्दगी में 
   लिपटी कालिमा को देखिए 
   आईना है सच कहेगा
   ख़ुद को दिखा कर देखिए

   छल कपट धोखाधड़ी
   भूल कर भी  मत कीजिए 
   हवाओं को खबर है जो हो गई 
   उस खबर को मत किसी से पूछिए

   है एक गुजारिस दोस्तों से बारहां
   मत काम  ऐसा  कोई कीजिए 
  जिश्म की आवारगी  पर 
  चाबुक लगा जीने की कोशिस कीजिए 

  नक्काबों पर लगा कर लाख नक्काबें 
  जीने की आदत छोड़िए 
  जिस दिन होगी गवाही ख़ुदा के सामने 
  उस दिन की भी जरा सोच कर तो देखिए
  
                                   अज़ीज़ "जौनपुरी"
   
  

15 comments:

  1. जिश्म की आवारगी पर
    चाबुक लगा जीने की कोशिस कीजिए

    बहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति.

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  2. बहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति.

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा कल शुक्रवार (24-05-2013) के गर्मी अपने पूरे यौवन पर है...चर्चा मंच-अंकः१२५४ पर भी होगी!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  4. बेहद गंभीर और आज के परिप्रेक्ष्य में सार्थक प्रस्तुति

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  5. उत्तम प्रस्तुति

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  6. बहुत अच्छी अभिव्यक्ति !!

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  7. शुभप्रभात
    अच्छी अच्छी सीख के लिए आभार
    शुभदिन की शुभकामनायें
    सादर

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  8. 'नक्काबों पर लगा कर लाख नक्काबें
    जीने की आदत छोड़िए
    जिस दिन होगी गवाही ख़ुदा के सामने
    उस दिन की भी जरा सोच कर तो देखिए.'

    -यही सोच लें इन्सान तो क्या बात है.

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  9. जिस दिन होगी गवाही ख़ुदा के सामने
    उस दिन की भी जरा सोच कर तो देखिए
    yahi to sara labbo luaab hai ..sundar rachna ...

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  10. है एक गुजारिस दोस्तों से बारहां
    मत काम ऐसा कोई कीजिए
    जिश्म की आवारगी पर
    चाबुक लगा जीने की कोशिस कीजिए

    अज़ीज़ साहब बहुत खूब ,बेबाक कहा है जो कहा है सच कहा है ,देखे देख पाए वो जिसकी आत्मा जीवित हो मृत प्राय:

    मुर्दार न हुई हो .मर तो सकती नहीं न ...

    (जिस्म ,बारहा ,गुजारिश ,कोशिश ,नकाबों ,नकाबें ,...)

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  11. नक्काबों पर लगा कर लाख नक्काबें
    जीने की आदत छोड़िए ......सही कहा आपने

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  12. जिश्म की बेपर्दगी में
    लिपटी कालिमा को देखिए
    आईना है सच कहेगा
    ख़ुद को दिखा कर देखिए ..

    बहुत खूब ... आइना तो सच कहता है हमेशा ...

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