हम प्यार की बातें करें
पड़ गई गहरी दरारें आज दिल की दीवारों में
चलो मिल आज हम सब प्यार की बातें करें
प्यार भी हो प्यार जैसा मुक्त हो उन्माद से
हम प्यार से, प्यार के ,इज़हार की बातें करें
चीखते से इस शहर में है घुप अँधेरा छा गया
हो सके तो रौशनी की आज हम बातें करें
मर गया है आदमी है इंशानियत भी मर गई
साँस की सुरीली बाँसुरी से साज़ की बातें करें
हैं हो गये बेकार हम सब की दुआओं के असर
ले प्यार दिल में,प्यार से इबादत की बातें करें
अज़ीज़ जौनपुरी
चीखते से इस शहर में है घुप अँधेरा छा गया
ReplyDeleteहो सके तो रौशनी की आज हम बातें करें
waaaaah waaaaaah kya bat hai bhot khub bhot khub
aaj ke dor ki haqiqat bhi bya kar di or sath hi ummid ka diya bhi jla diya ki pyar ki roshni hi nafrtoka aandhera dur kar sakti hai...slam aapko bhot khub bhot khub
मर गया है आदमी है इंशानियत भी मर गई
ReplyDeleteसाँस की सुरीली बाँसुरी से साज़ की बातें करें
ले प्यार दिल में,प्यार से इबादत की बातें करें
काश !
सबकी सोच ऐसी हो पाती
स्वर्ग यहीं होता .....
बहुत ही सुन्दर! मेरी बधाई स्वीकार करें।
ReplyDeleteबहूत खूब ,बेहतरीन प्रस्तुति "उजाले की किरण उतरेगी कब तक ,....दरार आयी है क्यूँ तेरे दिल में लोगों ये मुझसे घर भी मेरा पूछता है ,,भोर का सूरज उगाना चाहती हूँ ,मै आज फिर मुश्कुराना चाहता हूँ ,भूख पीड़ा और फिर रिश्तों में न हो तल्खी ,एक जहाँ ऐसा बनाना चाहती हूँ hari,
ReplyDeleteVery nice. Aziz
ReplyDeleteसुन्दर रचना !!
ReplyDeleteबढ़िया लिखा है |प्यार की महत्ता दर्शाती सुन्दर रचना |
ReplyDeleteआशा
पड़ गई गहरी दरारें आज दिल की दीवारों में
ReplyDeleteचलो मिल आज हम सब प्यार की बातें करें
सुन्दर आह्वान.
VERY NICE ....
ReplyDeleteचीखते से इस शहर में है घुप अँधेरा छा गया
ReplyDeleteहो सके तो रौशनी की आज हम बातें करें ..
सुभान अल्ला ... कमाल का शेर है ... इस अंधेरे में रौशनी की बात ही जीवन है ...
सुंदर एवं सकारात्मक प्रस्तुति
ReplyDeleteप्यार के महत्व को दर्शाती बेहतरीन ग़ज़ल की रचना,आभार.
ReplyDeletepyar se samasya ka prastutikaran bahut sundar
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ReplyDeleteचीखते से इस शहर में है घुप अँधेरा छा गया
हो सके तो रौशनी की आज हम बातें करें
बहुत खूब सर !उम्मीद की गजल ,आस की गजल ,ज़िन्दगी की उजास की गजल कही है आपने .ॐ शान्ति
बहुत सुन्दर ...
ReplyDeleteमर गया है आदमी है इंशानियत भी मर गई
ReplyDeleteसाँस की सुरीली बाँसुरी से साज़ की बातें करें
काश लोग इस पर अमल करें ..सुबिचारों की सन्देश वाहक शानदार ग़ज़ल
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