संग होलिका जलो वेदना
हर चेहरे पर लिखी वेदना हर सीने में छिपी वेदना
हर आँखों में बसी वेदना हर अधरों पर ठगी वेदना
हर मेहंदी में रची वेदना हर घूँघरू में बंद वेदना
हर दर्पण में बिम्ब वेदना हर रचना में शब्द वेदना
हर सांस में वास वेदना हर रिश्ते में शर्त वेदना
हर भाषा में भाष्य वेदना हर कविता में छंद वेदना
हर आँचल में भाव वेदना हर ममता में अश्रु वेदना
हर पल में लीन वेदनाव्याप्त आज सर्वत्र वेदना
हर आँचल में भाव वेदना हर ममता में अश्रु वेदना
हर पल में लीन वेदनाव्याप्त आज सर्वत्र वेदना
सुनो वेदना कहो वेदना लिखो वेदना पढो वेदना
यत्र- तत्र सर्वत्र वेदना है जीवन में है लिप्त वेदना
कान खोल तूँ सुनो वेदना चुप हो जा तूँ आज वेदना यत्र- तत्र सर्वत्र वेदना है जीवन में है लिप्त वेदना
शीघ्र होलिका दहन है होगा संग होलिका जलो वेदना
अज़ीज़ जौनपुरी
बहुत सुन्दर !
ReplyDeleteहर चेहरे पर लिखी वेदना हर सीने में छिपी वेदना
ReplyDeleteहर आँखों में बसी वेदना हर अधरों पर ठगी वेदना
वेदना ही वेदना ... हर जगह वेदना ... पर कब मिलेगा इससे छुटकारा ...
हो गई होली की शुरुवात-
ReplyDeleteआभार आदरणीय-
Sach byan krti prstuti.
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति !!
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ReplyDeleteबहुत उत्कृष्ट अनतर भाव लिए है रचना जलो होलिका संग वेदना ,मरो वेदना ,हटो वेदना ,कैसा ये आखेट वेदना
जलो सब वेदना होलिका के संग -बहुत सुन्दर विचार
ReplyDeletelatest postउड़ान
teeno kist eksath"अहम् का गुलाम "
सुनो वेदना कहो वेदना लिखो वेदना पढो वेदना
ReplyDeleteयत्र- तत्र सर्वत्र वेदना है जीवन में है लिप्त वेदना
...एक कटु सत्य...बहुत सटीक और सुन्दर रचना...
सुंदर सार्थक रचना ....
ReplyDeleteसाभार......