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Sunday, November 30, 2014

अज़ीज़ जौनपुरी : साधुवेश भेड़िया है औ है किसी मंत्री का साला




रामनामी  ओढ़  कर  जो  जप  रहा  है  रूद्र - माला
है  वही  यह  शख्स  जिसके खूँ में लिखा है घोटाला

कर  लिया  है  उसने   देखो   छद्म  रूप  ग्रहण  कैसे
साधुवेश  भेड़िया  है  औ  है  किसी  मंत्री  का साला

थी  लूटी  कल इसीनें  आबरू, माथे पर लगा चन्दन
मिला  ज़हर  जिसने  दवा  में  मुह कर दिया  काला

क्या कहें,  कैसे  कहें,  किसको  कहें  , इस   भीड़ में
सजिसों  के  मुल्क में    दाल  में   है  कुछ तो काला

अर्थी उठ गई विश्वास की सत्य आग में है जल रहा 
व्यभिचार चोरी औ डकैती का दिख रहा है बोलबाला

ले व्रत कत्ल खून औ फ़िरौती लूट पाट औ   छिनैती
रक्षक बन के  भक्षक  देखो  जप  रहे अन्याय-मला

देखो  कहीं  ये   इस  मुल्क  को  न  नीलाम  कर दें
सिर्फ  ख़ुदा  ही  बचा  है  मुल्क  का  एक  रखवाला

                                           अज़ीज़ जौनपुरी





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