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Thursday, March 21, 2013

अज़ीज़ जौनपुरी : हाथ मिला कर देखें

        हाथ मिला कर देखें 

      वक्त नाज़ुक है बहुत ख़ुद से कह कर देखें 
      चलो - चलें  दो  क़दम  साथ चल कर देखें 

      रोशनी  हलाल हो गई  घर की चौखट पर
      झाँक   खिड़की  से  घर   का  अँधेरा देखें              

      तेज हो गईं हैं आज आँधियाँ नफ़रतों की 
      है जूरुरी  रुख़ आँधियों का मोड़ कर देखें

      फासले बढ़ गये हैं  दिलों के बीच कितने
      चलो  \आज  दिलों  को  जोड़  कर  देखें

      झूठ  चेहरों  पे  लिख  दिए हमने  कितने
      चलो कुछ हम कुछ तुम बदल  कर देखें

      धूप दरख्तों के साये में तेज लगने लगी  
      चलो   आज   ख्वाब  में  चल  कर  देखें 

      "अज़ीज़" तूँ  हरगिज़ न  बाज़ आएगा
       अपनी  सूरत  आईंना  बदल  कर देखें 

                                 अज़ीज़ जौनपुरी 





    

12 comments:

  1. धूप दरख्तों के साये में तेज लगने लगी
    चलो आज ख्वाब में चल कर देखें
    vahan bhi dhoop hi milegi khwab to sach ka aaina hi hote hain .sundar prastuti .

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज शुक्रवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ...सादर!

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  3. वाह क्या बात! बहुत बेहतरीन!

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  4. फासले बढ़ गये हैं दिलों के बीच कितने
    चलो \आज दिलों को जोड़ कर देखें
    बहुत सुंदर अशआर बधाई आपको इस शानदार प्रस्तुति हेतु होली की अग्रिम बधाई

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  5. फासले बढ़ गये हैं दिलों के बीच कितने
    चलो \आज दिलों को जोड़ कर देखें ..

    बहुत दुष्कर काम है ... पर किसी न किसी को तो करना ही पढेगा ...
    लाजवाब शेर हैं सभी ...

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  6. फासले बढ़ गये हैं दिलों के बीच कितने
    चलो\आज दिलों को जोड़ कर देखें,,,,बहुत ही सुंदर शेर ,,,


    होली की हार्दिक शुभकामनायें!
    Recent post: रंगों के दोहे ,

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  7. This comment has been removed by the author.

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  8. बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति,आभार.

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  9. बहुत बढ़िया ....

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  10. sundar vichar avm bhav वक्त नाज़ुक है बहुत ख़ुद से कह कर देखें
    चलो - चलें दो क़दम साथ चल कर देखें

    रोशनी हलाल हो गई घर की चौखट पर
    झाँक खिड़की से घर का अँधेरा देखें

    तेज हो गईं हैं आज आँधियाँ नफ़रतों की
    है जूरुरी रुख़ आँधियों का मोड़ कर देखें

    फासले बढ़ गये हैं दिलों के बीच कितने
    चलो \आज दिलों को जोड़ कर देखें

    झूठ चेहरों पे लिख दिए हमने कितने
    चलो कुछ हम कुछ तुम बदल कर देखें

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  11. झूठ चेहरों पे लिख दिए हमने कितने
    चलो कुछ हम कुछ तुम बदल कर देखें

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